Quotes of Ratan Tata sir in Hindi



रतन
टाटा के अनमोल विचार

 

रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को एक नई बुलंदी तक पहुंचाने में बहुत ही अहम भूमिका निभाई है यूं तो टाटा ग्रुप भारत के सबसे पुराने औद्योगिक घरानों में से एक है, लेकिन अपने पारंपरिक व्यवसाय के अलावा नए-नए क्षेत्रों में टाटा ग्रुप को फैलाने का  श्रेय रतन टाटा को ही जाता है।

TATA ग्रुप को नए नए क्षेत्रों में  फैलाने के साथ उन्होंने अपनी सामाजिक चेतना और सामाजिक उत्तरदायित्व को कभी भुलाया नहीं आज भी भारत में अगर सरकारी नौकरी के बाद किसी कंपनी की नौकरी को अच्छा माना जाता है तो वह टाटा समूह की नौकरी को ही माना जाता है देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी और कर्मचारियों के प्रति अपना कर्तव्य निभाने में टाटा ग्रुप का कोई सानी नहीं है

2o सालों से अधिक टाटा के चेयरमैन रहे रतन टाटा  भारतीय उद्द्योग जगत में एक लिविंग लीजेंड की तरह देखे जाते हैं, आइये आज हम उनके कुछ अनमोल विचारों को जानते हैं:

·          मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं करता। मैं निर्णय लेता हूँ और फिर उन्हें सही साबित कर देता हूँ।

 

·         कोई लोहे को नष्ट नहीं कर सकता, लेकिन उसकी अपनी जंग कर सकती है! उसी तरह कोई किसी इंसान को बर्बाद नहीं कर सकता, लेकिन उसकी अपनी मानसिकता कर सकती है।

·         मैं उन लोगों कि प्रशंसा करता हूँ जो बहुत सफल हैं। लेकिन अगर वो सफलता बहुत बेरहमी से हासिल की गयी है तो मैं उस व्यक्ति की प्रशंसा करता हूँ पर मैं उसकी इज्ज़त नहीं कर सकता।

·         ऐसी कई चीजें हैं, जो अगर मुझे दोबारा जीने के मौका मिले तो शायद मैं अलग ढंग से करूँगा। लेकिन मैं पीछे मुड़कर ये नहीं देखना चाहूँगा कि मैं क्या नहीं कर पाया।

·         सत्ता और धन मेरे दो प्रमुख सिद्धांत नहीं हैं।

·         अगर आप तेजी से चलना चाहते हैं तो अकेले चलिए। लेकिन अगर आप दूर तक चलना चाहते हैं तो साथ मिलकर चलिए।

·         आगे बढ़ने के लिए जीवन में उतर-चढ़ाव बहुत ज़रूरी हैं, क्योंकि ईसीजी में भी एक सीधी लाइन का मतलब होता है कि हम जिंदा नहीं हैं।

·         निश्चित रूप से राजनीति में नहीं शामिल होऊंगा। मैं एक साफ़-सुथरे बिजनेसमैन के तौर पे याद किया जाना पसंद करूँगा, जिसने सतह के नीचे की गतिविधियों में हिस्सा ना लिया हो, और जो काफी सफल रहा हो।

·         जिस दिन मैं उड़ान नहीं भर पाऊंगा, वो मेरे लिए एक दुखद दिन होगा

·         उन पत्थरों को उठाइए जो लोग आप पर फेंकते हैं और उनका इस्तेमाल कर के एक स्मारक खड़ी कर दीजिये।

·         अब से सौ साल बाद, मैं टाटा ग्रुप को जितना वो अब है उससे कहीं बड़ा देखना चाहता हूँ। इससे भी ज़रूरी बात, मैं आशा करता हूँ कि ग्रुप को भारत में बेस्ट माना जाए.. जिस तरीके से हम ऑपरेट करते हैं उसमे बेस्ट, जो प्रोडक्ट्स हम देते हैं उसमे बेस्ट, और हमारे वैल्यू सिस्टम्स और एथिक्स में बेस्ट। इतना कहने के बाद, मैं आशा करता हूँ कि सौ साल बाद हम अपने पंख भारत से कहीं दूर तक फैला पायेंगे।


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